एक गुलाब हमारा भी था बड़े शिद्दत से संवारा भी था ! आवाद था गुलिस्ताँ उससे बिखिरी थी खुबसूरती जिससे ! किस्मत को कुछ ओर गवारा था..... उजड़ी थी फुलवारी एक रोज तोड़ ले गया जब उस खुबसूरती को कोई ओर !! इश्क़ जनाब हमारा भी था, एक गुलाब हमारा भी था... #एकगुलाब #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi