महफ़िल में रात भर मेरे बस ज़ख्मों का चर्चा होता रहा, बस एक ख़्वाब की ख़ातिर रात भर खुली आँखों से सोता रहा। एक कोशिश थी कि तू न आए ख़यालो में भी, राख हुई उम्मीदें हर तऱफ मेरी अरमानों का धुआं होता रहा। The Writer Junction आप कवियों कवयित्रियों का इस प्रतियोगिता में स्वागत करता है। 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। #yqdidi #yqbaba #yqyourquoteandmine #thewriterjunction #एककोशिशकीथीtwj 👉 आपकी रचना मौलिक होनी चाहिये। 👉 समय सीमा - 11 जून 2020 शाम 16:30 तक 👉 कृपया हमारे Hashtags बरकरार रखें। 👉 कृपया Collab करने के पश्चात Comment में Done करें।