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⚘नारी और वृक्ष एक जैसे होते हैं खुश हों तो दो

⚘नारी और वृक्ष एक जैसे होते हैं
     खुश हों तो दोनो फूलों से सजते हैं
⚘दोनो ही बढते और छंटते हैं इनके छांव मे
     न जाने कितने लोग पलते हैं
⚘देना-देना ही इनकी नियती है, औरों की  झोली भरना
     दोनो की ही प्रकृति है
⚘धूप और वर्षा सहने कि पेड की शक्ति है
     दुःख पाकर भी सह लेना नारी ही कर सकती है
⚘नारी और पेड मे एक अबूझ सा रिश्ता है 
     जो दोस्ती से मिलता जुलता है
⚘पेड चाहता है कुछ पानी और कुछ खाद 
     नारी चाहती है सिर्फ प्यार और सम्मान

©anurag bauddh #आजाद #महिला #शोषण
⚘नारी और वृक्ष एक जैसे होते हैं
     खुश हों तो दोनो फूलों से सजते हैं
⚘दोनो ही बढते और छंटते हैं इनके छांव मे
     न जाने कितने लोग पलते हैं
⚘देना-देना ही इनकी नियती है, औरों की  झोली भरना
     दोनो की ही प्रकृति है
⚘धूप और वर्षा सहने कि पेड की शक्ति है
     दुःख पाकर भी सह लेना नारी ही कर सकती है
⚘नारी और पेड मे एक अबूझ सा रिश्ता है 
     जो दोस्ती से मिलता जुलता है
⚘पेड चाहता है कुछ पानी और कुछ खाद 
     नारी चाहती है सिर्फ प्यार और सम्मान

©anurag bauddh #आजाद #महिला #शोषण