गोपी 1:-ओ!चितचोर कान्हा, छोड़ो हमे यूँ सताना, गोपी 2:- काहे हमे यूँ सताये हो? बोलो कहाँ हमारे वस्त्र छुपाये हो? गोपी 3:- देखो कान्हा अभी हम बाहर नही आ सकते, क्योंकि नग्नावस्था में तुम हमें हो ताकते, गोपी 4:- जब हम स्नान करने गए थे तो कोई नही था, इसलिये हम निर्वस्त्र हो नहाये,जिसका हमें न कोई भय था। हम तुम्हारे वस्त्र ना चुराते, जो तुम निर्वस्त्र हो न नहाते, सोचती हो तुम हमे किसी ने न देखा, पर,तालाब व आसपास के सभी पेड़ पौधों ने, कीड़े-मकोड़े व सूर्यदेव ने भी तुम्हें हैं देखा, तुम अनजाने में मत दो यूँ धोखा, वादा करो कभी न नहाओगी यूँ निर्वस्त्र होकर। To aaj samvaad likhna h shri krishna or gopiyon k beech.. Mandatory hashtag- #gopiyan_krishna #krishna krishnalove #competitionsbymanavi #yqdidi #yqbaba #yqquotes #myquot