जहाँ रास्ते कम और उलझने ज्यादा है, आगे क्या करू क्या नहीं.. ये समझाने के लिए कोई और है भी नहीं सफर इतना आसान है भी नहीं लोग बस मेरी हार का इंतजार किए बैठे हैं ये डर भी अंदर है कभी मैं खुद ही खुद की काबिलियत नहीं समझ पाता कभी समझ जाऊ तो चल नहीं पाता मैं जिंदगी के हम मोड पर हूं जहां जहा रास्ते कम मैं और उलझने ज्यादा है... ©raj chauhan mai zindagi ke us mod par hoon....