हर घड़ी तेरी याद हमको सताती रहती है, बेचैनी बेकरारी हर पल तड़पाती रहती है। दर्द बे-दर्द सा बनकर दर्द दिये जा रहा है, दिल के जख्मों को गहरा किए जा रहा है। कोई मेरे जख्मों पर मरहम लगाता नहीं है, दिल जिसे चाहता है वो पास आता नहीं है। ♥️ Challenge-649 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।