ਦੋਸਤੀ ਦਾ ਨਿੱਘ ਅਵੱਲਾ तिन दोस्त एक साइकल ना कोई मंजिल और ना कोई ठिकाना !!!!! गांव था बड़ा और साइकल था एक। ना था कोई मंजिल और ना हीं ठिकाना !!! कि जनाब , और एक खुबसूरत दैर था ! हमारे जिन्दगी का ! और उस समय सोचा करता था " कि हासिल करने को साथ छोड़ना होगा मुझे " अरे...! उससे वेहतर तो कुछ था ही नहीं !!!!! #friendship D_Radhe Suman Zaniyan Sarina Almas