सुनो, प्रेम... तुम मेरे प्रेम में कली बन जाओ ना.. मैं फूल बनकर तुम्हें संपूर्ण करना चाहती हूँ! " खुले आकाश में तारे हैं, उसमे भी जगमगाते सितारे हैं! प्रेम को ढूँढती मैं वहाँ,जहाँ प्रीत रूपी ईश्वर हमारे हैं " 💞💞 "ये रात और ये ठंडी हवा.. और तुम्हारी बाहों में..मैं.. उन जगमगाते हुए सितारों को देखना... और क्या चाहिए.. इस जीवन को.. बस मीठी सी एहसास... और तुम..🤗