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सुनो, प्रेम... तुम मेरे प्रेम में कली बन जाओ ना..

सुनो,
प्रेम...
तुम मेरे प्रेम में कली बन जाओ ना..
मैं फूल बनकर तुम्हें संपूर्ण करना चाहती हूँ! " खुले आकाश में तारे हैं, उसमे भी जगमगाते सितारे हैं! 
प्रेम को ढूँढती मैं वहाँ,जहाँ प्रीत रूपी ईश्वर हमारे हैं " 💞💞

"ये रात और ये ठंडी हवा..
और तुम्हारी बाहों में..मैं..
उन जगमगाते हुए सितारों को देखना...
और क्या चाहिए.. इस जीवन को..
बस मीठी सी एहसास... और तुम..🤗
सुनो,
प्रेम...
तुम मेरे प्रेम में कली बन जाओ ना..
मैं फूल बनकर तुम्हें संपूर्ण करना चाहती हूँ! " खुले आकाश में तारे हैं, उसमे भी जगमगाते सितारे हैं! 
प्रेम को ढूँढती मैं वहाँ,जहाँ प्रीत रूपी ईश्वर हमारे हैं " 💞💞

"ये रात और ये ठंडी हवा..
और तुम्हारी बाहों में..मैं..
उन जगमगाते हुए सितारों को देखना...
और क्या चाहिए.. इस जीवन को..
बस मीठी सी एहसास... और तुम..🤗
kulkarnik1101

lalitha sai

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