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खुदा लो अब खुदा को ही देख लो उसे उसके मिजाज से द

खुदा

लो अब खुदा को ही देख लो 
उसे उसके मिजाज से
दूर रहकर एहसास कराता है 
अपने अंदाज से 
कभी धूप तो कभी बारिश
कभी ठंड तो कभी गर्मियों की गर्दिश
परदा हटा देता है 
एक लम्बी रात के बाद
बुंता है दिन, खिला सुन्दर कलियो से
है रूबरू तुझसे वो 
पर तू उससे बेखबर है 
जरा देख तो अपने भीतर
वो वहीं मौजूद है # God/ishwar/Allah/Guru
खुदा

लो अब खुदा को ही देख लो 
उसे उसके मिजाज से
दूर रहकर एहसास कराता है 
अपने अंदाज से 
कभी धूप तो कभी बारिश
कभी ठंड तो कभी गर्मियों की गर्दिश
परदा हटा देता है 
एक लम्बी रात के बाद
बुंता है दिन, खिला सुन्दर कलियो से
है रूबरू तुझसे वो 
पर तू उससे बेखबर है 
जरा देख तो अपने भीतर
वो वहीं मौजूद है # God/ishwar/Allah/Guru