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दिन निकल जाता है तब रात आती हैं घर से दूर हूं अपनो

दिन निकल जाता है तब रात आती हैं
घर से दूर हूं अपनो की याद आती हैं
तड़पता हूं अपनो से मिलने के लिए
पैसा भी तो चाहिए जीवन जीने के लिऐ
तलाशता हूं रस्ता इस अंधेरी रात में
मिले तो जाऊ अपनो के पास मैं
बीना पैसों के जिंदगी नहीं कटती यारों
 ख्वाबों की दुनियां में अब सो जाओ यारों

©Mahesh Chandra
  #boat_Hindi_Shayari