तुम तो ऐसे न थे, तुम तो ऐसे न थे, तुम ही अपने थे, ग़ैरों के जैसे न थे, तुम तो ऐसे न थे... पूरा गीत कैप्शन में पढ़ें, प्रेम/वियोग रस में डूबी ग़ज़लों/गीतों के लिए फ़ॉलो करें।🙏 ✍️ तुम तो ऐसे न थे, तुम तो ऐसे न थे, तुम ही अपने थे, ग़ैरों के जैसे न थे, तुम तो ऐसे न थे... मेरा जीवन पतंग था, तुम्हीं डोर थे, तेरे क़दमों की आहट मेरी ओर थे, डूब-सा क्यों गया चाहतों का जहाँ, ऐ ख़ुदा ऐसा कोई मिले अब कहाँ,