Nojoto: Largest Storytelling Platform

जीवन को बस कुछ नहीं, इक छल कहो। मृत्यु को ही बस, इ

जीवन को बस कुछ नहीं, इक छल कहो।
मृत्यु को ही बस, इक सच कहो।।
चाहे तो जीवन को इक खेल कहो।
मृत्यु को ही बस अंतिम पड़ाव कहो।।
पाकर ये जीवन इन्सान,खेलता है कई खेल जहाँ।
इक दिन पाता मृत्यु में ही अपना,आखिरी पड़ाव वहाँ।।
रात्रि के गर्भ से जैसे होता है उदय,दिवस का जहाँ।
मृत्यु की कोख़ से होता है जन्म,जीवन का वहाँ।।
दिनभर थककर सो जाते हैं हम,निद्रा की गोद में जहाँ।
जीवन भी थककर इक दिन पाता विश्राम,महानिद्रा की गोद में वहाँ।।
जीवन आग अनल है मृत्यु को शांत सुखदायी कहो।
दुःख नहीं ये स्वीकार करो,मृत्यु से भी प्यार करो।।
जीवन को बस कुछ नहीं, इक छल कहो।
मृत्यु को ही बस, इक सच कहो।।



       ✍🏻कनिष्का✍🏻
 17-September-2019
         03:10PM #जन्म_मृत्यु #छल_सत्य #Nojotohindi
जीवन को बस कुछ नहीं, इक छल कहो।
मृत्यु को ही बस, इक सच कहो।।
चाहे तो जीवन को इक खेल कहो।
मृत्यु को ही बस अंतिम पड़ाव कहो।।
पाकर ये जीवन इन्सान,खेलता है कई खेल जहाँ।
इक दिन पाता मृत्यु में ही अपना,आखिरी पड़ाव वहाँ।।
रात्रि के गर्भ से जैसे होता है उदय,दिवस का जहाँ।
मृत्यु की कोख़ से होता है जन्म,जीवन का वहाँ।।
दिनभर थककर सो जाते हैं हम,निद्रा की गोद में जहाँ।
जीवन भी थककर इक दिन पाता विश्राम,महानिद्रा की गोद में वहाँ।।
जीवन आग अनल है मृत्यु को शांत सुखदायी कहो।
दुःख नहीं ये स्वीकार करो,मृत्यु से भी प्यार करो।।
जीवन को बस कुछ नहीं, इक छल कहो।
मृत्यु को ही बस, इक सच कहो।।



       ✍🏻कनिष्का✍🏻
 17-September-2019
         03:10PM #जन्म_मृत्यु #छल_सत्य #Nojotohindi