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शायद तुम्हारी आदतों की तरह शायद बदल गया है पल और

शायद तुम्हारी आदतों की तरह 
शायद बदल गया है पल और लम्हा 
शायद सुहानी शाम का वो मंज़र
शायद नजर को भा चुका हो अक्सर
शायद मुझे तुम्हारी याद के वो बादल
करने लगेंगे बेवजह हि पागल
शायद बदल दू हर तुम्हारी आदत 
खैर मगर रहने दो 
तुमको अब मान चुका मै
आखरी  मोहब्ब्त

अता Sahani Baleshwar bipin Pandey chandan mishra Anupriya Das bickeymandal
शायद तुम्हारी आदतों की तरह 
शायद बदल गया है पल और लम्हा 
शायद सुहानी शाम का वो मंज़र
शायद नजर को भा चुका हो अक्सर
शायद मुझे तुम्हारी याद के वो बादल
करने लगेंगे बेवजह हि पागल
शायद बदल दू हर तुम्हारी आदत 
खैर मगर रहने दो 
तुमको अब मान चुका मै
आखरी  मोहब्ब्त

अता Sahani Baleshwar bipin Pandey chandan mishra Anupriya Das bickeymandal
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