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आजकल मैं लिखता कहां हूं लोगों को अब दिखता कहां हूं

आजकल मैं लिखता कहां हूं
लोगों को अब दिखता कहां हूं
अब मैं जहां हूं, जैसा भी हूं
किसी के आगे झुकता कहां हूं
शक्ल से नहीं हूं 
फिर भी सही हूं
किसी के अक्ल से चलता कहां हूं
विचारों के दरिया में बहता हुआ मैं
लहरों के थपेड़ों से रूकता कहां हूं।। आजकल मैं लिखता कहां हूं
लोगों को अब दिखता कहां हूं
अब मैं जहां हूं, जैसा भी हूं
किसी के आगे झुकता कहां हूं
शक्ल से नहीं हूं 
फिर भी सही हूं
किसी के अक्ल से चलता कहां हूं
विचारों के दरिया में बहता हुआ मैं
आजकल मैं लिखता कहां हूं
लोगों को अब दिखता कहां हूं
अब मैं जहां हूं, जैसा भी हूं
किसी के आगे झुकता कहां हूं
शक्ल से नहीं हूं 
फिर भी सही हूं
किसी के अक्ल से चलता कहां हूं
विचारों के दरिया में बहता हुआ मैं
लहरों के थपेड़ों से रूकता कहां हूं।। आजकल मैं लिखता कहां हूं
लोगों को अब दिखता कहां हूं
अब मैं जहां हूं, जैसा भी हूं
किसी के आगे झुकता कहां हूं
शक्ल से नहीं हूं 
फिर भी सही हूं
किसी के अक्ल से चलता कहां हूं
विचारों के दरिया में बहता हुआ मैं

आजकल मैं लिखता कहां हूं लोगों को अब दिखता कहां हूं अब मैं जहां हूं, जैसा भी हूं किसी के आगे झुकता कहां हूं शक्ल से नहीं हूं फिर भी सही हूं किसी के अक्ल से चलता कहां हूं विचारों के दरिया में बहता हुआ मैं #MyThoughts #yqdidi #myquote #voiceofdehati #लोगबिछड़तेहैं #लाइफ_के_पल #रुकता_नहीं