जानते हो तुम भी और मैं भी इसमें कहने की कोई बात नहीं मैं चुप हूँ क्योंकि तुम चुप हो ये चुप्पी मेरी कायनात नहीं कुछ अटपटे से लग सकते हैं पर झूठ ये मेरे जज़्बात नहीं तुम दूर हो मुझसे मानता हूंँ ये नज़दीकियों के मोहताज नहीं वादा जो मैंने किया था तुमसे उसे मैंने कभी भुलाया नहीं आ जाऊँं कैसे सपनों में तुम्हारी तुमने अभी मुझको बुलाया नहीं तुम्हारी बातें ज़हन से जाती कहांँ तुम्हारी हंँसी मैं भूल पाता नहीं पर देखो इन ज़ालिम हालातों को इज़हार-ए-इश्क़ मैं कर पाता नहीं #चुप्पी