सुकून-ए-जिगर की तलाश बहुत दूर तक ले आई मैं चलती रही मुसलसल आँख बन्द, राह जो सामने आई कहीं न रूकी, जहाँ रुकना था बचपन,जवानी सब संघर्षों में बिताई सोचती हूँ आज पीछे देखकर मैं क्यूँ मैं कुछ लम्हें ख़ास पीछे छोड़ आई जी लेती थोड़ा-सा उनको रमा लेती हृदय में कुछ तो उनको आज याद उनकी आँखों में अश्रु ले आई बढ़ती रही बस दम साध निरंतर क्यूँ कुछ साँसें, मैं अतीत में ना ले पाई #yqdidi #yqhindi #hindi #bestyqhindiquotes #feelings #zindagi #tumhari_yaad #yqtales