🍒 जब होगी वस्ल ए वफ़ात, तो बेफ़िक्र लिपट जायेंगे। अभी ज़िंदा हूँ तो ज़रा डरने दो। के वक़्त हैं जनाज़े में बाक़ी, ज़रा वक़्त तो गुज़रने दो। मत बरसने दो ये बादल, थोड़े गहरे काले होने दो। अशद मेँ क्यों हो बारिश की, थोड़ा और तरसने दो। 🌺nazrat🌺 🍒 वस्ल ए वफ़ात - meeting with death अशद - exigency #river तरसने दो... 🌺