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शर्म-ए-हिजाब ओढ़ा था जैसे गुलाब ओढ़ा था सि

शर्म-ए-हिजाब ओढ़ा  था
जैसे   गुलाब   ओढ़ा   था

सिर पर  लाल  चुनरी  थी
इक मेरा ख्बाव  ओढ़ा था शर्म-ए-हिजाब ओढ़ा  था
जैसे   गुलाब ओढ़ा   था

सिर पर लाल  चुनरी थी
इक मेरा ख्बाव ओढ़ा था

#freebird
शर्म-ए-हिजाब ओढ़ा  था
जैसे   गुलाब   ओढ़ा   था

सिर पर  लाल  चुनरी  थी
इक मेरा ख्बाव  ओढ़ा था शर्म-ए-हिजाब ओढ़ा  था
जैसे   गुलाब ओढ़ा   था

सिर पर लाल  चुनरी थी
इक मेरा ख्बाव ओढ़ा था

#freebird