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सोचने से कहाँ मिलते हैं तमन्नाओं के शहर, चलना भी

सोचने से कहाँ मिलते हैं तमन्नाओं के शहर,
चलना भी जरुरी है मंजिल को पाने के लिए।

©Kajal Kajal Singh
  #na_shona_ke_pairhan_na_meetha_ke_pair