छुरी लिए क़दम क़दम पर मेरे क़ातिल यहाँ हैं, नोचते जिस्मों से रूह तक को ऐसे जाहिल यहाँ हैं। शिकायतों पर कर दिए जाते हैं मुँह बंद, गुनहगारों के संग हर कोई शामिल यहाँ है। इंसाफ़ भीख माँगता है सड़कों पर, झूठ को सच का दर्ज़ा हासिल यहाँ है। चंद रुपयों की ख़ातिर बिकते हैं लोग, शाम को सजती फ़िर महफ़िल यहाँ है। दूसरों से उम्मीद रखना बंद कर "अनाम" अपनी ग़लतियों पर हर कोई वकील यहाँ है। #अनाम #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल #mynightquote #anumika