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भुला बैठा था, जिन भयानक रातों को दुखों को, गमों क

भुला बैठा था, 
जिन भयानक रातों को
दुखों को, गमों को
दुनिया की जहरीली बातों को। 
आज फिर मेरे अपने मेरे संगी, 
अंधियारा दिखा रहे हैं
दुख गमों को मुझसे
मिला रहे हैं
भर भर प्याली दुनिया का जहर
पिला रहें हैं।

©arvind bhanwra
  दुनियादारी

दुनियादारी #Shayari

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