हरी हरी गेहूं की बोंरै भरी है गेहूं के दानों से,,, अपने यौवन से बिखेर रही है खूबसूरती चारों ओर,,,, जब परिपक्व हो जाएगी तब हो जाएगी सुनहरी,,,, ईश्वरीय तत्व खुद में समा के हर मानव की तृष्णा तृप्त करेंगी,,,, जब खेत लहलहाते हैं तब मेहनत रंग लाती है फसलें पक जाती हैं उम्मीदों की,,,,,, Let your feelings flow through this beautiful background. Must use hashtag- #cascadewriters