कर लो तुम कितनी भी कोशिश इस जमाने में फिर भी हमारी तुमसे कभी जुदाई नही होगी जिंदगी के सफर में कितने भी रहे अब तन्हा हम फिर भी एक-दूजे से शिकायत नही होगी अब कर लो कितनी भी मिन्नते अब उस रब से तुम तुम्हारे दिल से हमारी कभी रिहाई नही होगी कर लो शिकायत तुम हमसे जितनी करना चाहो हमसे तुम्हारी बेवजह अब बढ़ाई नही होगी जिंदगी के कुछ लम्हें ही तो है खुशी से गुजारने के अब चाहकर भी मुझसे कोई रुसवाई नही होगी करते रहेंगे जिंदगी भर शिकवे-गीले तुमसे हम पर कोई भी अब रिश्तें मे दूरियों की लड़ाई नही होगी #midnightpoem#जिंदगी#रिश्तें#जुदाई#वादा#भरोसा#midnightthoughts #शिकायतें#कोशिश