धूमिल से रास्तों पर निकल पड़ा हूं मंजिल की आस ले कर निकल पड़ा हूं बर्बादी के चांद लम्हों को पीछे छोड़ कर , आबाद होने निकल पड़ा हूं मिल जाएं कही भी वो एक मोड़ पर , बता देना सब कुछ भूल कर मैं आगे निकल पड़ा हूं जिद है अब एक कदम भी पीछे न रखूंगा , इस कदर मंजिल की खोज में निकल पड़ा हूं !! ©ASHUTOSH # #malal