झुकना जिसने कभी सीखा नही ' बल से ज़िसके सब वाखीफ थे जिसने पग ² पर हर शय को मात किया अंत समय तक जिसने मुगलो से संघर्ष किया ज़ो स्वाभिमान शोर्ये की आलोकिक ज्योती मेवाड के उद्धारक मोती नेत्र मे ज़िनके ज्वाला हाथ मे रहता भाला ' Maharana Pratap 480th birth anniversary #Maharana_Pratap Jayanti 480th birth anniversary