निकलतें सूरज का शिद्द्त से इंतजार था अश्क़ आँखों मे लबों पे नाम था रात्री के अंधेरे में सुनहले 'दिया' का आगाज़ था मिटा दे जो जग अंधेरे को ऐसी अजीज 'दिया' का इंतज़ार था..👌 ©Aditya Vishwakarma #आदित्य #SunSet