मंजिल तो यही थी मेरी बस उम्र गुजार दी औरों को बदलने में.... काश मैंने खुद को बदल लिया होता आज तेरे करीब होता! ©Mahadev Son मंजिल तो यही थी मेरी बस उम्र गुजार दी औरों को बदलने में.... काश मैंने खुद को बदल लिया होता आज तेरे करीब होता!