Nojoto: Largest Storytelling Platform

और फिर एक दिन यह अहसास हुआ… जैसे मैं किसी ऐसी च

और फिर एक दिन यह अहसास हुआ… 

जैसे मैं 
किसी ऐसी चीज का हिस्सा नहीं हूं, जो 
निश्चित होने का दावा करे. 
ना अस्पताल और ना स्टेडियम....

मेरे अंदर 
जो शेष था, 
वह वास्तव में 
कायनात की असीम शक्ति और बुद्धि 
का प्रभाव था. 
मेरे अस्पताल का वहां होना था. 
मन ने कहा....

केवल अनिश्चितता ही निश्चित है।
#इरफान #irrfankhan
और फिर एक दिन यह अहसास हुआ… 

जैसे मैं 
किसी ऐसी चीज का हिस्सा नहीं हूं, जो 
निश्चित होने का दावा करे. 
ना अस्पताल और ना स्टेडियम....

मेरे अंदर 
जो शेष था, 
वह वास्तव में 
कायनात की असीम शक्ति और बुद्धि 
का प्रभाव था. 
मेरे अस्पताल का वहां होना था. 
मन ने कहा....

केवल अनिश्चितता ही निश्चित है।
#इरफान #irrfankhan