#5LinePoetry कोई मेरी आँखों सा कभी नहीं देख सकता अब कोई चाहकर भी इनमे नमी नहीं देख सकता जिंदगी भर के लिए मुझे अंधेरा बर्दाश्त है मगर उस दिये से भढ़कर कोई रौशनी नहीं देख सकता ©Sandeep Rajput #5LinePoetry ANSHIKA PANDIT