बचपन में तेरा सहारा था, आज बोझ हो गया, मेरी शिक्षा में क्या रह गई कमी, जो तेरा जमीर सो गया। बचपन से अब तक,तेरी हर गलती को माफ किया, मेरे प्यार और त्याग का बेटे..वाह! क्या तूने इंसाफ किया। जितना भी था, तुझको कमी ना कोई आने दी, हां हसरत नही है बदले में कुछ पाने की, दिल में नही घर में ही जगह दे देते, चैन से मरने की एक तो वजह दे देते। तेरी सौ गलतियां होने पर भी कभी तुझे मारा नही, पर मेरी बुढ़ापे की लाठी... बनी मेरा सहारा नही, इतराता था अपनी परवरिश पर कभी, आज कहां मुंह छिपाऊं, मुझ सा कोई लाचारा नही। ©Vasudha Uttam #ImageStories #Family #nojotopromptimage #Nojoto #nojotoenglish #nojotohindi Ruchika Rahul vibhute