है दिल ए तमन्ना तुम्हें पाने की। मरहम हो मेरे हर दर्दे जमाने की। लगे ताउम्र भी अगर संगम को, ताकूंगा मौका तुम्हें हर बार रिझाने की। है दूरियां अभी कुछ और महीनों की, मगर क्षण फासले गवारा नहीं सीनों की, लगा के गले से सब कुछ बोल दू तुम्हें मैं, ताले लब के आज़ाद, बातें भर दिनों की। है सफ़र बहुत बड़ा इस जीवन में, मगर कट जाता है बस एक क्षण में, लगी हो तलब जैसे चाय की प्याली हो, ताज़े अदरक का स्वाद हर कण कण में। हैरान हू तुम मिली कैसे हो मुझे ये यकीन, महज़ कुछ लम्हों में बनाया कोई अलादीन लगा हो हाथ में कोई जादुई चिराग मेरे, तारे सितारों से उतरा कोई जैसे नाजनीन। है ये अखरी कलमा पढ़ रहा तुम्हारे प्यार में मर कर भी करूंगा उस छोर तेरा इंतजार मैं, लगे देर तो किसी और से दिल मत लगाना, ताज्जुब होगा मुझे, क्या कमी रह गई यार में। ©Kundanekhaas मुक्कमल प्रेम #GoldenHour #KunHem #Love #DanLata