इत्तेफाक से हर किसी को ऐसी तकदीर चाहिए किसी को तख्तों ताज तो,किसी को जागीर चाहिए बेवजह के दंगे फसाद हो रहें हैं हर गली में सब पर करें हकूमत,हाथों की ऐसी लकीर चाहिए ना किसी को इंसान बनने की है आरजू ना दिल मे है अमन चैन की तमन्ना हर किसी को गुलाम बना लें,बस ऐसी कोई जंजीर चाहिए रूह आजाद होना चाहती हैं,बेवजह के बंधनों से उसे बस अपने रब की इबादत औऱ बस अपना पीर चाहिए ©Mona Dear✍️ #इतेफाक #ruh #sukun #Dard