Nojoto: Largest Storytelling Platform

उसकी जुल्फ़ों पर लगा जो गुलाब था, मेरा मन उससे मिल

उसकी जुल्फ़ों पर लगा जो गुलाब था,
मेरा मन उससे मिलने बहुत बेताब था।
कुछ यूं ठुकराया था उसने मेरे जज़्बातों को,
वरना मेरा प्यार तो उसके लिए एक खुल्ली किताब था।

©Surkh  ( سرخ ) #Shayari #life #truth #gulab  shayari love
उसकी जुल्फ़ों पर लगा जो गुलाब था,
मेरा मन उससे मिलने बहुत बेताब था।
कुछ यूं ठुकराया था उसने मेरे जज़्बातों को,
वरना मेरा प्यार तो उसके लिए एक खुल्ली किताब था।

©Surkh  ( سرخ ) #Shayari #life #truth #gulab  shayari love