कितनों को खुशियाँ बाँटेगा, भरकर हवा मदमस्त पवन संग, कितनी खुशियाँ बाँटेगा, रंग बिरंगें चाहत सबकी, किसको कितने बाँटेगा, डोर पकडना सिखा दिया, और कब तक किसको डाँटेगा, गुब्बारे सा....... #गुब्बारे सा दिल मेरा#