दूर रहकर मुझसे सनम, यूँ मुझको न तड़पाओ। तुम बिन जीना मुश्किल है, वापस लौट आओ। मेरी बेसुध, बेख़याली की, वजह तुम न बनना। तुम बिन होश खो बैठी हूँ, अब तो मान जाओ। तुम जब मेरे करीब थे , कितना खुश रहती थी। आज अकेले रोती हूँ, मेरे हाल पे तरस खाओ। मुश्किल लगता है जीना, तुम बिन तन्हा रहकर। अचानक किसी मोड़ पर, कभी तो मिल जाओ। साँझ-सबेरे तेरी यादें, मुझको जीने नहीं देती। कब तक वापस लौटोगे, अब वक्त न लगाओ। गर लौट नहीं सकते तुम तो, इतना रहम कर दो। इज़ाज़त दो मुझे मरने की और ज़रा मुस्कुराओ। ♥️ Challenge-783 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।