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मन के अंदर भाबनाऊ का धड़कनों से मिलता है ये दुख ब

मन के अंदर भाबनाऊ का धड़कनों से मिलता है ये दुख 
बाहर से दुख इतनी ना झिले कोई
जीवन के हर एक मिलन आदमी के जताता है बड़ा सुख।
पल दो पल का खुशी
बहारों से फूल बरसा जब होई।

©Sri batsa Meher
  अंदर के दुख

अंदर के दुख #कविता

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