White मैं खामोश नहीं बस चुप्पी साध रखी है । हैं जमाना साथ फिर, भी बंदूक तन रखी है वो आँसू बहते है, दिखावे के ज़माने को। हमने भी हर अदा को आज़माने के हुनर पला रखे है । नहीं करते गुफ़्तगू वो तो हम भी अपने रवैये पर है खमोश सही पर चुप्पी साध रखी है । ©Knazimh मैं खामोश नहीं।।