जगमगाएंगे तारें भी आज चांद भी गीत गुन गुनाएगा पंक्षियों में भी चहल पहल होगी जब कृष्णा फिर से नन्हा बालक बनकर आएगा जगमग जगमग सारा गाँव रौशन हो जाएगा अपनी माईया के लिए कृष्णा फिर से वापस आएगा, जगमगाएंगे तारें भी आज चांद भी गीत गुन गुनाएगा..! usha... ✍ # जन्माष्टमी कविता