तस्वीर तेरी देखी तो फरिस्ते भी चौंक कर बेसाख्ता बोले जन्नत से बेहतर आफताब तो जमीं पर है क्यूं न इनसे वाबस्ता हो लें बेसाख्ता-सहसा/एकाएक,आफताब-सूरज,वाबस्ता-जुड़ना/आबद्ध होना शायर आयुष कुमार गौतम तस्वीर तेरी फरिस्तों ने देखी