नाकामयाबी,असफलता,हार ये शब्द तो थे ही नहीं मेरे जीवन में। जो भी कार्य करने की ठानती, बेहद उम्दा तरीके से उसे पार मैं लगाती। नापसंद था मुझे जिंदगी में 'फेल' होना। लेकिन..... समय सबका पलटता है और ऊपर उड़ने वाले को आसमान से उठा जमीं पे पटकता हैं। अब तो ऐसे दिन देखती हूँ की, मेहनत मेरी कुछ भी करो रंग लाती नहीं। सफलता,कामयाबी तो प्रतीत होता है कभी जीवन में देखी नहीं। किसी भी कार्य में निराशा हाथ आती हैं, "आशा" को आशा रहती हैं पर निराशा गले पड़ जाती हैं। जिंदगी के दौर में बुरा नहीं है 'हार' का भी सामना करना , जो सफलता नहीं सिखाती हैं, वो असफलता हमें सिखा,दृढ़ बनाती है। अब तो मैंने हार-जीत को जीवन में है स्वीकारा, अकड़ मेरी टूटी और अक्ल को मिला किनारा।। #नाकामयाबी,असफलता,हार ये शब्द तो थे ही नहीं मेरे जीवन में। जो भी कार्य करने की ठानती, बेहद उम्दा तरीके से उसे पार मैं लगाती। नापसंद था मुझे जिंदगी में 'फेल' होना। लेकिन..... समय सबका पलटता है और ऊपर उड़ने वाले को आसमान