मां केहति रेे पगली,रे मिलते ना ओ ठगती दुनियां उसके नाम पे करती हैं काले काम रे उस मायानगरी में और धूर्त है सारी नगरी,रे बाबा पहनके सारे असली रे चोगा फिरते नकली दिल और काले मन की पोटली उस माया नगरी में रख लेंगे मेरा पूरा ध्यान रे,ओ हैं मोरे सैय्या तुम हो मोरे सैया