“पंछी की उड़ान” बुरे वक्त में भी ना कभी घबराना पंछी ये दुनिया दुःख का मेला भीड़ भरी अंबर पर तुझे उड़ना ही है अकेला ऊँची उड़ान भरने पर भी पंछी कभी घमंड ना करना आसमान में उड़ने वाले भी को भी ज़मीन पर ही आकर होता है रहना पंछी का दिल अरमानों के बादल फैलाए थोड़ा शरमाए जब मेरे दिल को तेरी याद आए आज़ाद दिल आज़ाद ख़याल के पंछी हम अपने अरमानों के पंख लगा कर दूर आसमान में उड़ना चाहें हम पंछी: चिड़िया #प्रतिरूप #kkप्रतिरूप #प्रतिरूपकविता #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़प्रतिरूप