काश कुछ बाते माँ मै तुमसे केह पाता वक़्त रेहते काश आज तुम मेरी हालत देख पाती तुम बिन कैसे जिंदगी मौत से बातर होगयी है 🖋🖋😢 माँ के बिना घर... सूना सूना सा हर दीवारो दर होता है मायूस सा जैसे खड़ा खण्डहर होता है, माँ के बिना कौन सा घर, घर होता है? जी उठता है उनके होने से एकदम ना होने पर जैसे दर-बदर होता है, माँ के बिना कौन सा घर, घर होता है? उनके बिना घर के लोगों में ही नहीं आंगन-चौबारे में भी उदासी का मंजर होता है, माँ के बिना कौन सा घर, घर होता है? बोझिल सा हो जाता है वातावरण सारा वक्त ना आसानी से कटने को तैयार होता है, माँ के बिना कौन सा घर, घर होता है? उनके होने से होती हैं घर में खुशियां और मन बड़ा ही खुशगवार होता है, माँ से ही घर में आत्मा का संचार होता है। माँ तुम जहा भी हो देख रही होगी जरुर कैसे ना देखोगी हर पल मेरी खोज खबर रखती थी क्या अब भी मुझे देख पती हो यू कैसे अपने ही बोझ से दबने कि आहट क्या सुन पाती हो क्या वो जस्बात जो केहना था वक़्त कि कमिसे कह ना पाया क्या तुम अब भी मेरी तक्लिफ़ देख बेचैन होके आने का मन ब्याकुल होत है अगर तुम आनही सकती तो मेरी एक विनती मनो जैसे पेहले बुलाति थी फ़िरसे अपने पास बुलालो ना तुम बिन अब खुद पे बोझिल सा होगया हु मुझे मेरे ईस तक्लिफ़ से हर बार कि तरह छुटकारा दिलादो ना माँ 🙏 तुम मेरी अखिरि विनती सुनलो ना माँ सुनलो ना माँ.I MISS YOU BADLY तुम थी तो मै मै था अब तुम बिन मै मै ना रहा! ©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) काश कुछ बाते माँ मै तुमसे केह पाता वक़्त रेहते काश आज तुम मेरी हालत देख पाती तुम बिन कैसे जिंदगी मौत से बातर होगयी है 🖋🖋😢 माँ के बिना घर... सूना सूना सा हर दीवारो दर होता है मायूस सा जैसे खड़ा खण्डहर होता है,