Unsplash जब भी तुझ पे हाथ उठा तेरे साथ बैठ के रोया... समेटा तेरी गलतीयों को तेरी गोद मे सर रख के सोया.. कह दे की सब झुठ है मुझे कोइ अफसोस नही... तेरे कानो मे गुजं रहा अब शोर कीसी ओर का... मुझे मालुम है तु मर चुका उस पे तुझे मेरे लीए अब होश नही... ©abhaywriters_2.00 #traveling