इज़ाजत मेरे दिल को नही, कि तेरे इश्क के दरिया में बह जाऊ। दरिया दिल है तेरा, पर मैं कहीं ओर बह जाऊ। रुह का सफर तय किया गया है, मेरी किस्मत में इश्क नहीं, लिखा कुछ और गया है। इज़ाजत मेरे दिल को नही, कि तेरे इश्क के दरिया में बह जाऊ। फकीरा जोगी बनता यह दिल मेरा, ना कोई रोना न कोई धोना, बस नट साम्राज्य से दूर होना। इज़ाजत मेरे दिल को नही, कि तेरे इश्क के दरिया में बह जाऊ। मोह नहीं ,माया नहीं, बस उस निरंकार मे खो जाऊ। @mr_rdm__750 #river #Love #poem