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✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाब

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ईमानदारी से काम करने वालों का -अपने उसूलों -सिद्धांतो पर कायम रहने वालों का -दूसरों के दर्द को महसूस करने वालों का कभी भी दिवाला नहीं निकलता ,दिवाला निकलता है बेईमानी -चोरी -छल -कपट -षड़यंत्र से पैसा कमाने वालों का -दूसरों की हसरतों की लाशों पर अपने महल खड़े करने वालों का ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अमूमन इंसान कितना पढ़ा लिखा बेवक़ूफ़ है की जो हमेशा इस मद -अहंकार में रहता और जीता है की मैं दूसरों को बेवजह -बिना काम के तनख्वाह देता हूँ -कार्य क्या है ये -हमेशा वो दूसरों के कार्यों में नुस्ख ढूँटता है ,काश वो समझ पाता की देनहार कोई और है -तू तो एक जरिया मात्र है -क्या पता तू किसके भाग्य से कमा खा रहा है...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अमूमन मीठा बोलने वाले अंदर से जहरीले -खतरनाक होते हैं ..जो आपकी हर बात पर हाँ में हाँ मिलाये -सावधान वो आपका नहीं आपके रुतबे के साथ है और जो हर हाल में आपको सही गलत समझाए वो ही आपका हितेषी है ....,

आखिर में एक ही बात समझ आई की बड़े बड़े मठाधीश -बड़े धर्मस्थलों के महंत -मौलवी बड़ी बड़ी लक्ज़री गाड़ियों में आते जाते हैं -उनकी सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी  रहती है ....क्या यही हमको ये पाठ पढ़ाते सिखाते हैं की मोह माया का त्याग करो -जीवन नश्वर है -जो आया है वो जायेगा तो फिर इन्हें किस से भय -क्यों सिक्योरिटी  ....शायद यही कलयुग है ...!

अपनी दुआओं में हमें याद रखें 

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ईमानदारी से काम करने वालों का -अपने उसूलों -सिद्धांतो पर कायम रहने वालों का -दूसरों के दर्द को महसूस करने वालों का कभी भी दिवाला नहीं निकलता ,दिवाला निकलता है बेईमानी -चोरी -छल -कपट -षड़यंत्र से पैसा कमाने वालों का -दूसरों की हसरतों की लाशों पर अपने महल खड़े करने वालों का ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अमूमन इंसान कितना पढ़ा लिखा बेवक़ूफ़ है की जो हमेशा इस मद -अहंकार में रहता और जीता है की मैं दूसरों को बेवजह -बिना काम के तनख्वाह देता हूँ -कार्य क्या है ये -हमेशा वो दूसरों के कार्यों में नुस्ख ढूँटता है ,काश वो समझ पाता की देनहार कोई और है -तू तो एक जरिया मात्र है -क्या पता तू किसके भाग्य से कमा खा रहा है...,
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ईमानदारी से काम करने वालों का -अपने उसूलों -सिद्धांतो पर कायम रहने वालों का -दूसरों के दर्द को महसूस करने वालों का कभी भी दिवाला नहीं निकलता ,दिवाला निकलता है बेईमानी -चोरी -छल -कपट -षड़यंत्र से पैसा कमाने वालों का -दूसरों की हसरतों की लाशों पर अपने महल खड़े करने वालों का ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अमूमन इंसान कितना पढ़ा लिखा बेवक़ूफ़ है की जो हमेशा इस मद -अहंकार में रहता और जीता है की मैं दूसरों को बेवजह -बिना काम के तनख्वाह देता हूँ -कार्य क्या है ये -हमेशा वो दूसरों के कार्यों में नुस्ख ढूँटता है ,काश वो समझ पाता की देनहार कोई और है -तू तो एक जरिया मात्र है -क्या पता तू किसके भाग्य से कमा खा रहा है...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अमूमन मीठा बोलने वाले अंदर से जहरीले -खतरनाक होते हैं ..जो आपकी हर बात पर हाँ में हाँ मिलाये -सावधान वो आपका नहीं आपके रुतबे के साथ है और जो हर हाल में आपको सही गलत समझाए वो ही आपका हितेषी है ....,

आखिर में एक ही बात समझ आई की बड़े बड़े मठाधीश -बड़े धर्मस्थलों के महंत -मौलवी बड़ी बड़ी लक्ज़री गाड़ियों में आते जाते हैं -उनकी सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी  रहती है ....क्या यही हमको ये पाठ पढ़ाते सिखाते हैं की मोह माया का त्याग करो -जीवन नश्वर है -जो आया है वो जायेगा तो फिर इन्हें किस से भय -क्यों सिक्योरिटी  ....शायद यही कलयुग है ...!

अपनी दुआओं में हमें याद रखें 

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ईमानदारी से काम करने वालों का -अपने उसूलों -सिद्धांतो पर कायम रहने वालों का -दूसरों के दर्द को महसूस करने वालों का कभी भी दिवाला नहीं निकलता ,दिवाला निकलता है बेईमानी -चोरी -छल -कपट -षड़यंत्र से पैसा कमाने वालों का -दूसरों की हसरतों की लाशों पर अपने महल खड़े करने वालों का ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अमूमन इंसान कितना पढ़ा लिखा बेवक़ूफ़ है की जो हमेशा इस मद -अहंकार में रहता और जीता है की मैं दूसरों को बेवजह -बिना काम के तनख्वाह देता हूँ -कार्य क्या है ये -हमेशा वो दूसरों के कार्यों में नुस्ख ढूँटता है ,काश वो समझ पाता की देनहार कोई और है -तू तो एक जरिया मात्र है -क्या पता तू किसके भाग्य से कमा खा रहा है...,