सामने बैठे हैं वो, पर हमसे जाने क्यों नज़रे चुरा रहे हैं...। कोई बात तो है, तभी हमसे आज क्यों वो, छुपा रहे हैं। ख़ता मेरी है तो, मुझे बताओ जाने क्यों, दर्द दिए जा रहे हैं?