ये नज़र किसकी लगी कि सारे नज़ारे बदल गए हवा ने रुख़ जो बदला सारे सितारे बदल गए कि कल तक था हमारा आशियां दरगाह जिनका वो आज महलों में बैठे हैं और हमारे घर तक बदल गए ख़बर किसको न थी कि एक दिन वो लौट जाएँगे दिल पर हमारे असर वो गहरा छोड़ जाएँगे पर यकीं नही होता कि बेवफाई की यूँ इन्तहा होगी वो पहले ज़ख्म भी देंगे फिर मुस्कुराकर तड़पता छोड़ जाएँगे