अब उसे 'बेवफ़ा' नहीं, 'मीत' लिखना चाहता हूँ 'शब-ए-ग़म' नहीं, अब 'प्रीत' लिखना चाहता हूँ 'बेवाफ़ाई' के गीत लिख-लिख कर ऊब गया मैं अब फिर मोहब्बतों के 'गीत' लिखना चाहता हूँ --डॉ प्रशान्त मिश्रा "Flavour change now"