मेरे... तन-मन के 'वसंत' चले आओ अब शजर दिल का सूख रहा कोमल किसलय,कलिकाओं से महकाओ इसको अब छा जाये हरियाली इसमें अपना वो 'स्पर्श' करा दो अब दूरी तुम्हारी,मुरझा गयी इसको प्रेमालिंगन से सिंचित कर दो अब झूमे हिलोरे ले प्रेमगीत इसको सुना दो अब...! Muनेश...Meरी✍️🌹 Challenge-145 #collabwithकोराकाग़ज़ 49 शब्दों में अपनी रचना लिखिए :) (शजर का अर्थ पेड़, वृक्ष, tree) #मेरेदिलकाशजर #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️